बिन बेटी ये मन बेकल है, बेटी है तो ही कल है,
बेटी से संसार सुनहरा, बिन बेटी क्या पाओगे?
बेटी नयनों की ज्योति है, सपनों की अंतरज्योति है,
शक्तिस्वरूपा बिन किस देहरी-द्वारे दीप जलाओगे?
शांति-क्रांति-समृद्धि-वृद्धि-श्री सिद्धि सभी कुछ है उनसे,उनसे नजर चुराओगे तो किसका मान बढ़ाओगे ?
सहगल-रफ़ी-किशोर-मुकेश और मन्ना दा के दीवानों!
बेटी नहीं बचाओगे तो लता कहां से लाओगे ?
सारे खान, जॉन, बच्चन द्वय रजनीकांत, ऋतिक, रनबीर
रानी, सोनाक्षी, विद्या, ऐश्वर्या कहां से लाओगे ?
अब भी जागो, सुर में रागो, भारत मां की संतानों!
बिन बेटी के, बेटे वालों, किससे ब्याह रचाओगे?
बहन न होगी, तिलक न होगा, किसके वीर कहलाओगे?
सिर आंचल की छांह न होगी, मां का दूध लजाओगे।
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क्या हूँ मैं, कौन हूँ मैं, यही सवाल करती हूँ मैं,
लड़की हो, लाचार, मजबूर, बेचारी हो, यही जवाब सुनती हूँ मैं।।
बड़ी हुई, जब समाज की रस्मों को पहचाना,
अपने ही सवाल का जवाब, तब मैंने खुद में ही पाया,
लाचार नही, मजबूर नहीं मैं, एक धधकती चिंगारी हूँ,
छेड़ों मत जल जाओगें, दुर्गा और काली हूँ मैं,
परिवार का सम्मान, माँ-बाप का अभिमान हूँ मैं,
औरत के सब रुपों में सबसे प्यारा रुप हूँ मैं,
जिसकों माँ ने बड़े प्यार से हैं पाला,
उस माँ की बेटी हूँ मैं, उस माँ की बेटी हूँ मैं।।
सृष्टि की उत्पत्ति का प्रारंभिक बीज हूँ मैं,
नये-नये रिश्तों को बनाने वाली रीत हूँ मैं,
रिश्तों को प्यार में बांधने वाली डोर हूँ मैं,
जिसकों को हर मुश्किल में संभाला,
उस पिता की बेटी हूँ मैं, उस पिता की बेटी हूँ मैं।।
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राह देखता तेरी बेटी, जल्दी से तू आना,
किलकारी से घर भर देना, सदा ही तू मुस्काना,
ना चाहूं मैं धन और वैभव, बस चाहूं मैं तुझको
तू ही लक्ष्मी, तू ही शारदा, मिल जाएगी मुझको,
सारी दुनिया है एक गुलशन, तू इसको महकाना
किलकारी से घर भर देना, सदा ही तू मुस्काना,
बन कर रहना तू गुड़िया सी, थोड़ा सा इठलाना,
ठुमक-ठुमक कर चलना घर में, पैंजनिया खनकाना
चेहरा देख के तू शीशे में, कभी-कभी शरमाना
किलकारी से घर भर देना, सदा ही तू मुस्काना
उंगली पकड कर चलना मेरी, कांधे पर चढ़ जाना
आंचल में छुप जाना मां के, उसका दिल बहलाना
जनम-जनम से रही ये इच्छा, बेटी तुझको पाना
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भारत की है शान बेटियां
हमसब का अभिमान बेटियां
सीता सावित्री अनुसूया बन त्याग की मूरत कहलाई
शौर्य का प्रचंड ज्वाल बनी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
पन्ना का बलिदान पदमनी की जौहर ज्वाला
मीरां की अमर भक्ति, पी गई विष का प्याला
स्वर्णिम इतिहास लिए, देश का गौरव गान बेटियां
भारत की है शान बेटियां, हमसब का अभिमान बेटियां
लता आशा अनुराधा, स्वर सरिता बहाती है
कविता अलका सुनिधि श्रेया, गीत जीवन के गाती है
अंतरिक्ष यात्री बनी सुनिता, कल्पना इस व्योम में रमी है
हर क्षेत्र में परचम इनका, बेटियां कहां थमी है
बेटियों ने छू लिया आकाश, छेडती मधुर तान बेटियां
भारत की है शान बेटियां, हमसब का अभिमान बेटियां
सावित्री फूले भगिनी निवेदिता, शिक्षा की अलख जगाती
मैत्रेयी गार्गी विदुषियां, ज्ञान क्षेत्र में लोहा मनवाती
सरोजिनी सुचेता प्रतिभा सुषमा और इन्दिरा
सोनिया जया ममता माया छाई राजनीति में वसुंधरा
नैतृत्व करती बेटियां, हमारा है स्वाभिमान बेटियां
भारत की है शान बेटियां, हमसब का अभिमान बेटियां
मेरीकॉम का पंच, कर्ण्णम का भार, पीटी उषा की दौड
मिताली हरप्रीत झूलन अंजुम ने क्रिकेट को दिया नया मोड
सानिया साईना सन्धु साक्षी बेटियों में दम है
ज्वाला कृष्णा गीता, बेटियां कहां बेटों से कम है
अब तो सम्भालती है ओलम्पिक में कमान बेटियां
भारत की है शान बेटियां, हमसब का अभिमान बेटियां
किरनबेदी बनी आईपीएस पुलिस फोर्स में छाई
मिताली आर्मी अफसर अंजलि ने वायुसेना में धूम मचाई
हिमालय पर तिरंगा फहराती बेटी बछेन्द्री पाल
बेटों से कंधे से कंधा मिला करती कदमताल
अबला नहीं सबला है, आंधी नहीं तूफान बेटियां
भारत की है शान बेटियां, हमसब का अभिमान बेटियां
आज इस गणतंत्र पर बेटी बचाने का संकल्प हमें लेना है
कन्या भ्रूण हत्यारों का साथ हरगिज नहीं देना है
पढे बेटियां बढे बेटियां, बेटी बची तो बचेगा देश
माता दुहिता भगिनी भार्या, बेटी से ही है सम्पूर्ण परिवेश
सृष्टि की रचियता बेटियां, वतन का उत्थान बेटियां
भारत की है शान बेटियां, हमसब का अभिमान बेटियां
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मैं भी जीना चाहती हूँ
तेरे आँचल मे सांस लेना चाहती हूँ,
तेरी ममता की छांव मे रहना चाहती हूँ
तेरी गोद मे सोना चाहती हूँ।
मैं भी तो तेरा ही अंश हूँ,
फिर कैसे तू मुझे खुद से
अलग कर सकती है ?
तू तो माँ मेरी अपनी है
फिर क्यों….?
माना की तूने ये खुद से ना चाहा…
विवश हुई तू औरों के हाथों….
पर थोड़ी सी हिम्मत जो करती
तो शायद मैं भी जी पाती…
या फिर किया तूने ये सोच कर
कि जो कुछ सहा है तूने अब तक…..
वो सब सहना पड़े न मुझको…!
क्या बेटी होना ही कसूर है मेरा …..?
जो तू भी मुझे पराया करना चाहती है…!!
तू भी नहीं तो फिर कौन होगा मेरा अपना ?
क्यों मेरे जज्बातों को कुचल देना चाहती है ?
जीवन देने से पहले ही क्यों मार देना चाहती है ?
क्यों… मेरा कसूर क्या है ?
क्या सिर्फ एक बेटी होना ही मेरी सजा है…?
मुझको भी इस दुनिया में आने तो दो ….
कुछ करने का मौका तो दो….
जीवन की हर लड़ाई लड़ कर दिखाउंगी
खुद को साबित करके दिखाऊँगी,
मुझे एक मौका तो दो।
मैं भी जीना चाहती हूँ
तेरे आँचल मे सांस लेना चाहती हूँ,
तेरी ममता की छांव मे रहना चाहती हूँ
तेरी गोद मे सोना चाहती हूँ।
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